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अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे से अब राजस्थान का चूरू जिला भी जुड़ेगा। जानिए किन 6 जिलों को मिलेगा लाभ, कैसे बढ़ेगा व्यापार, पर्यटन और कनेक्टिविटी।
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा चूरू | Rajasthan Expressway News
Rajasthan News | Amritsar-Jamnagar Expressway
भारत में सड़क परिवहन के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज होने जा रही है। भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे में अब राजस्थान के चूरू जिले को भी शामिल कर लिया गया है। इससे न केवल चूरू, बल्कि राजस्थान के 6 प्रमुख जिलों को देश के विभिन्न हिस्सों से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। व्यापार, पर्यटन और परिवहन के क्षेत्र में इस एक्सप्रेसवे से राजस्थान को बहुआयामी लाभ मिलने वाला है।
भारतमाला योजना और एक्सप्रेसवे की भूमिका
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘भारतमाला परियोजना’ का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों को हाई-स्पीड सड़कों के माध्यम से आपस में जोड़ना है। इसके अंतर्गत कई एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग और इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक है अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे, जो उत्तर भारत से पश्चिम भारत को जोड़ने का कार्य कर रहा है।
यह एक्सप्रेसवे पंजाब के अमृतसर से शुरू होकर गुजरात के जामनगर तक जाएगा, जिसकी कुल लंबाई लगभग 917 किलोमीटर है। यह हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और गुजरात राज्यों से होकर गुजरेगा।
चूरू सहित राजस्थान के इन 6 जिलों को मिलेगा फायदा
जानकारी के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे अब राजस्थान के 6 जिलों से होकर गुजरेगा:
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हनुमानगढ़
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चूरू
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बीकानेर
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जोधपुर
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बाड़मेर
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जालौर
इन जिलों में से चूरू जिला एक नई कड़ी के रूप में जोड़ा गया है, जिससे अब यह क्षेत्र भी राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त करेगा।
चूरू जिले के लिए कनेक्टिविटी का नया द्वार
चूरू जिला राजस्थान के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है और इसे ‘मरुस्थल का प्रवेश द्वार’ भी कहा जाता है। अब यह एक्सप्रेसवे चूरू को न केवल राजस्थान के अन्य हिस्सों से जोड़ेगा बल्कि पंजाब, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों से भी बेहतर कनेक्शन देगा। इससे चूरू से अमृतसर या जामनगर तक की दूरी अब पहले से कहीं कम समय में तय की जा सकेगी।
परिवहन, व्यापार और पर्यटन को मिलेगा प्रोत्साहन
1. व्यापार में नई संभावनाएं
चूरू जिला कृषि, पशुपालन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में विशेष पहचान रखता है। एक्सप्रेसवे के माध्यम से अब स्थानीय उत्पादों को देश की बड़ी मंडियों तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी और निवेश के नए अवसर खुलेंगे।
2. पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
चूरू का ऐतिहासिक महत्व, हवेलियां और मरुस्थलीय संस्कृति देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करती है। अब बेहतर सड़क कनेक्टिविटी से पर्यटकों का आना-जाना आसान होगा। इससे स्थानीय पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
3. ट्रांसपोर्टेशन लागत में कमी
तेज और सीधी सड़क होने से ट्रक, बस और अन्य वाहनों की गति बढ़ेगी, जिससे माल ढुलाई की लागत घटेगी। साथ ही, ईंधन की भी बचत होगी और समय की भी।
रेगिस्तानी इलाके में आधुनिक सड़क का निर्माण
यह एक्सप्रेसवे लगभग 650 किलोमीटर तक राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। यह अपने आप में एक तकनीकी उपलब्धि है, क्योंकि रेगिस्तान में सड़क निर्माण चुनौतीपूर्ण होता है। खास तकनीकों और मजबूत निर्माण सामग्री का इस्तेमाल कर इसे तैयार किया जा रहा है।
राजेंद्र राठौड़ का बयान
राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस परियोजना को चूरू जिले के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बताया है। उन्होंने कहा कि “भारतमाला परियोजना के तहत अब चूरू जिला भी राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जुड़ेगा, जो यहां के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।”
क्या होगा आम लोगों को फायदा?
इस एक्सप्रेसवे से आम जनता को कई तरह से लाभ मिलेगा:
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यात्रा में समय की बचत: अब अमृतसर या गुजरात की ओर जाना आसान होगा।
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स्वास्थ्य सेवाएं: मरीजों को बड़े शहरों में इलाज के लिए जाना आसान होगा।
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शिक्षा और रोजगार के अवसर: छात्र और नौकरीपेशा लोगों को बेहतर संस्थानों तक पहुंच में सहूलियत मिलेगी।
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स्थानीय उत्पादों को बाजार: किसानों और शिल्पकारों को अपने उत्पाद देश के बड़े बाजारों तक पहुंचाने का अवसर मिलेगा।
राज्य सरकार की भागीदारी
राजस्थान सरकार भी इस परियोजना को लेकर सक्रिय है। एक्सप्रेसवे के मार्ग में आने वाली भूमि का अधिग्रहण, पर्यावरण स्वीकृति और निर्माण में सभी प्रकार की सहूलियतें प्रदान की जा रही हैं। सरकार का उद्देश्य है कि इस एक्सप्रेसवे से अधिकतम स्थानीय लाभ प्राप्त किया जा सके।
सड़क निर्माण में हो रही आधुनिक तकनीकों की मदद
एक्सप्रेसवे के निर्माण में नवीनतम इंजीनियरिंग तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है:
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ड्रोन सर्वे और जीपीएस आधारित माप
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ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए योजना
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रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
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स्मार्ट टोल कलेक्शन सिस्टम
इन सभी उपायों से यह एक्सप्रेसवे न केवल तेज और सुविधाजनक यात्रा का माध्यम बनेगा, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुकूल होगा।
कब तक पूरा होगा काम?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य वर्ष 2025 के अंत तक पूरा हो जाएगा। कई हिस्सों में निर्माण तेजी से चल रहा है और कुछ हिस्सों में तो सड़क तैयार भी हो चुकी है।
निष्कर्ष: राजस्थान के विकास की नई दिशा
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क नहीं, बल्कि यह राजस्थान के विकास की एक नई राह है। विशेष रूप से चूरू जैसे जिले को इस परियोजना में शामिल करना यहां के विकास की गति को तेज करेगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से कनेक्टिविटी, रोजगार, व्यापार और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में बड़े बदलाव आने वाले हैं।