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राजस्थान में सरकारी नौकरियों के लिए उमड़ा बेरोजगारों का सैलाब: लाखों युवाओं ने भरे आवेदन

Summary

राजस्थान में कंडक्टर, NHM और चतुर्थ श्रेणी भर्तियों में लाखों बेरोजगारों ने आवेदन किया। जानिए भर्ती की डेडलाइन, आंकड़े और युवाओं की प्रतिक्रिया।

राजस्थान सरकारी भर्तियों में बेरोजगारों की बंपर भागीदारी | 2025 भर्ती अपडेट


राजस्थान में सरकारी नौकरी पाने की चाहत ने बेरोजगार युवाओं को एक बार फिर बड़ी संख्या में आवेदन करने के लिए प्रेरित किया है।
कंडक्टर भर्ती से लेकर चतुर्थ श्रेणी और स्वास्थ्य मिशन जैसी भर्तियों में लाखों युवाओं ने अब तक आवेदन कर दिया है। इससे साफ झलकता है कि प्रदेश के युवाओं में रोजगार को लेकर कितनी गहरी भूख है।

📌 सरकारी भर्ती की तरफ बढ़ती उम्मीदें

राजस्थान सरकार द्वारा हाल ही में जिन भर्तियों की घोषणाएं की गई हैं, उनमें युवा वर्ग विशेष रूप से सक्रिय नजर आ रहा है। चाहे बात राजस्थान रोडवेज कंडक्टर की हो या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की या फिर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती — हर एक नौकरी में बड़ी संख्या में आवेदन सामने आ रहे हैं।

कई बेरोजगार अभ्यर्थियों के अनुसार, यह नौकरियां सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि उनके जीवन को दिशा देने वाला रास्ता हैं। राज्य सरकार की कोशिशों के बीच युवाओं का जोश यह बताता है कि बेरोजगारी के खिलाफ एक बड़ी मानसिक जंग चल रही है।


🚌 कंडक्टर भर्ती 2025: युवाओं की पहली पसंद

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) की ओर से निकली कंडक्टर भर्ती 2025 में अब तक 63,808 उम्मीदवार आवेदन कर चुके हैं। यह भर्ती वर्षों बाद आई है, जिस कारण युवाओं में भारी उत्साह देखा गया। अंतिम तिथि 25 अप्रैल 2025 होने के बावजूद, आवेदन की रफ्तार कम नहीं हो रही।

कई अभ्यर्थियों का मानना है कि रोडवेज में कंडक्टर की नौकरी न केवल स्थायीत्व देती है, बल्कि यात्रियों के सीधे संपर्क में आने के कारण यह एक सम्मानजनक पेशा भी है।


🏥 NHM भर्ती: स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ती रुचि

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) भर्ती 2025 भी युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आई है। अब तक इस भर्ती में 72,089 आवेदन हो चुके हैं। खास बात यह है कि इसमें तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों पदों के लिए अवसर खुले हैं।

अंतिम तिथि 1 मई 2025 होने के चलते, उम्मीद की जा रही है कि यह आंकड़ा एक लाख से पार जा सकता है। स्वास्थ्य क्षेत्र की ओर बढ़ती युवाओं की रुचि यह दर्शाती है कि वह न सिर्फ नौकरी चाहते हैं, बल्कि समाज सेवा में भी अपना योगदान देना चाहते हैं।


🧹 चतुर्थ श्रेणी भर्ती: बेरोजगारी की भयावह तस्वीर

इन सभी भर्तियों में सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती से जुड़ा है। 19 अप्रैल तक, इस भर्ती में 23,66,123 आवेदन दर्ज हो चुके हैं। यह संख्या अपने आप में एक बड़ा संकेत है कि प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति कितनी गंभीर है।

चतुर्थ श्रेणी की नौकरियां अक्सर कम वेतन और सामान्य कार्यों के लिए मानी जाती हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में आवेदन यह बताते हैं कि युवाओं के पास अब विकल्प कम हो चुके हैं।


📈 विशेषज्ञों की राय: नौकरी नहीं, भविष्य की तलाश

रोजगार विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं का इस तरह हर भर्ती में टूट पड़ना इस बात का संकेत है कि वह न सिर्फ नौकरी की तलाश में हैं, बल्कि भविष्य की स्थायीत्व और सुरक्षा चाहते हैं।

कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि आज के युवा सिर्फ पैसे के लिए नहीं, बल्कि एक सम्मानजनक पहचान और सुरक्षित करियर की तलाश में हैं। यही वजह है कि सरकारी नौकरियों के प्रति आकर्षण आज भी वैसा ही बना हुआ है जैसा दशकों पहले हुआ करता था।


🧑‍🎓 प्रतियोगिता में वृद्धि: चयन प्रक्रिया बनी चुनौती

जहां एक ओर इतनी बड़ी संख्या में आवेदन उम्मीद की किरण जगाते हैं, वहीं दूसरी ओर यह चयन प्रक्रिया को भी चुनौतीपूर्ण बना देते हैं। हर पद के लिए हजारों दावेदारों के बीच चयन करना किसी भी भर्ती बोर्ड के लिए आसान नहीं होता।

इसका असर न केवल मेरिट लिस्ट पर पड़ता है, बल्कि परीक्षा संचालन, परिणाम जारी करने और जॉइनिंग प्रक्रिया में भी देरी हो सकती है। इससे अभ्यर्थियों में असंतोष भी बढ़ सकता है।


🏛️ सरकार की भूमिका: पारदर्शिता और समयबद्धता जरूरी

राज्य सरकार ने हाल के वर्षों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रयास किए हैं, लेकिन सिर्फ भर्तियों की संख्या बढ़ाना पर्याप्त नहीं है। आवश्यक है कि चयन प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष और समयबद्ध हो।

इसके साथ ही, योग्य अभ्यर्थियों को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार मिले — यह सुनिश्चित करना भी सरकार की जिम्मेदारी है। कई बार देरी और अनियमितताएं युवाओं में अविश्वास पैदा कर देती हैं।


💬 अभ्यर्थियों की आवाज

बेरोजगार युवाओं का कहना है कि जब भी कोई सरकारी भर्ती निकलती है, वे उसे अपने जीवन का अंतिम मौका मानकर पूरी मेहनत से आवेदन करते हैं। उन्हें बस इतना चाहिए कि भर्ती समय पर पूरी हो, पेपर लीक न हो, और चयन प्रक्रिया में किसी तरह की धांधली न हो।

कुछ युवाओं का यह भी कहना है कि उन्हें प्राइवेट सेक्टर में नौकरी नहीं मिलती क्योंकि वहां अनुभव, भाषा और स्किल्स की अधिक मांग होती है, जबकि सरकारी नौकरी में केवल योग्यता की परीक्षा होती है।


✅ निष्कर्ष: रोजगार केवल आंकड़ा नहीं, समाज की आवश्यकता है

राजस्थान में सरकारी नौकरियों को लेकर युवाओं की उम्मीदें, जज्बा और संघर्ष इस बात का प्रमाण हैं कि रोजगार केवल एक निजी जरूरत नहीं, बल्कि समाज की संरचना और विकास का अभिन्न हिस्सा है।

सरकार को चाहिए कि वह युवाओं के इस भरोसे को कायम रखे और भर्ती प्रक्रियाओं को समय पर और बिना विवाद के संपन्न करवाए। ताकि राजस्थान का युवा आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और सम्मानजनक जीवन जी सके।

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