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जयपुर खातीपुरा में बुलडोजर एक्शन: हाईकोर्ट के आदेश पर JDA की बड़ी कार्रवाई

Summary

जयपुर के खातीपुरा में JDA ने हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बड़ा अभियान चलाया। जानिए पूरी घटना, प्रशासन का पक्ष, जनता का आक्रोश और राजनीतिक हलचल।

जयपुर के खातीपुरा में चला बुलडोजर: हाईकोर्ट के आदेश पर JDA की बड़ी कार्रवाई, तनाव चरम पर


जयपुर, 11 अप्रैल 2025:
राजस्थान की राजधानी जयपुर के खातीपुरा क्षेत्र में आज सुबह का वक्त अचानक तनावपूर्ण हो गया जब जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) की ओर से अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई शुरू की गई। हाईकोर्ट के आदेश पर हुई इस कार्रवाई ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। प्रशासनिक टीम के साथ भारी पुलिस बल और JCB मशीनों के साथ पहुंचे अधिकारियों ने अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चला दिया।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद JDA का बड़ा एक्शन

JDA को लंबे समय से खातीपुरा क्षेत्र में अवैध निर्माणों और अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही थीं। इस संबंध में कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। बीते महीने राजस्थान हाईकोर्ट ने इन अवैध निर्माणों को हटाने का स्पष्ट आदेश दिया था, जिसके बाद JDA ने आज सुबह कार्रवाई को अंजाम दिया। इस कार्रवाई के तहत सैकड़ों अवैध रूप से बनी दुकानें, ठेले, अस्थायी निर्माण और दीवारें गिरा दी गईं।

प्रशासन ने सुबह 6 बजे से ही कर दी थी इलाके की नाकेबंदी

कार्यवाही से पहले प्रशासन पूरी तरह सतर्क था। आज सुबह 6 बजे से ही खातीपुरा के सभी प्रमुख रास्तों को सील कर दिया गया था। भारी पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। आम नागरिकों को क्षेत्र में प्रवेश से रोका गया और स्थानीय निवासियों को पहले से किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई थी। इसके चलते लोग अचानक हुए घटनाक्रम से हक्का-बक्का रह गए।

दुकानदारों में भारी आक्रोश, कई लोग हुए बेघर

जैसे ही बुलडोजर चला, दुकानदारों और स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई। जिन लोगों की दुकानें या घर अतिक्रमण की श्रेणी में आ गए थे, उनके पास सामान समेटने तक का समय नहीं मिला। कई परिवारों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था। “हम यहां 20 साल से रह रहे हैं, अगर अतिक्रमण था तो पहले सूचना क्यों नहीं दी?”, ऐसा कहते हुए कई लोग कैमरे पर फूट-फूट कर रोते नजर आए।

मौके पर पहुंचे विधायक गोपाल शर्मा, की स्थिति को संभालने की कोशिश

घटना की जानकारी मिलते ही जयपुर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट से विधायक गोपाल शर्मा मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की और लोगों की समस्याओं को सुना। शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “कानून अपना काम कर रहा है, लेकिन यह भी जरूरी है कि जनता के साथ न्याय हो। अगर बिना नोटिस कार्रवाई की गई है तो यह गलत है और मैं इस पर उच्च स्तर पर बात करूंगा।”

तनावपूर्ण माहौल, महिलाओं और बच्चों में डर का माहौल

अचानक हुए इस प्रशासनिक एक्शन ने बच्चों और महिलाओं को भी डरा दिया। कई जगहों पर महिलाएं अपने घरों के बाहर बैठकर रोती नजर आईं। कई बच्चों के स्कूल के कपड़े, किताबें और अन्य सामान मलबे में दब गए। समाजसेवियों और स्थानीय संगठनों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाए और अस्थायी पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।

पुलिस ने संभाला मोर्चा, प्रदर्शनकारियों को समझाइश

कार्रवाई के विरोध में कुछ लोगों ने नारेबाजी भी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। हालांकि किसी भी प्रकार की हिंसा की खबर नहीं आई है, लेकिन लोगों की नाराजगी साफ देखने को मिल रही थी। प्रशासन की ओर से अतिरिक्त पुलिस बल को स्टैंडबाय में रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।

क्या कहता है JDA?

JDA के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी है और हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद ही इसे अंजाम दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि “खातीपुरा इलाके में लंबे समय से अतिक्रमण की समस्या थी। यह सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा था, जो कि कानून के खिलाफ है। हमने कोर्ट के आदेशों का पालन किया है और सभी दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी की गई है।”

कोर्ट का रुख साफ, अतिक्रमण पर नहीं होगी रहम

राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल के महीनों में जयपुर शहर में बढ़ते अतिक्रमण को गंभीरता से लेते हुए कई स्थानों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण स्वीकार्य नहीं होगा, चाहे वह अस्थायी हो या स्थायी। इसी कड़ी में खातीपुरा की यह कार्रवाई एक उदाहरण मानी जा रही है।

क्या आगे भी हो सकती हैं ऐसी कार्रवाइयां?

JDA सूत्रों के अनुसार, जयपुर शहर के अन्य अतिक्रमित क्षेत्रों में भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। जिन इलाकों में अवैध निर्माण की शिकायतें लंबित हैं, वहां आने वाले हफ्तों में बुलडोजर चल सकता है। खासकर बाजारों, चौराहों और सार्वजनिक पार्कों के आसपास हो रहे अतिक्रमण को हटाना JDA की प्राथमिकता है।

राजनीतिक हलकों में गरमाया मुद्दा

इस पूरी कार्रवाई को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने सरकार और प्रशासन पर निशाना साधते हुए इसे गरीबों पर अत्याचार बताया है, वहीं सत्ताधारी पार्टी का कहना है कि “कानून सबके लिए समान है।” अब देखना यह होगा कि इस कार्रवाई से उपजे तनाव का असर स्थानीय राजनीति पर कितना पड़ता है।


निष्कर्ष:

जयपुर के खातीपुरा इलाके में हुआ बुलडोजर एक्शन कई सवालों को जन्म देता है। प्रशासन जहां इसे कोर्ट के आदेश का पालन बता रहा है, वहीं स्थानीय नागरिक इसे अचानक आई आपदा मान रहे हैं। एक ओर सरकार अवैध कब्जों को खत्म कर शहर को व्यवस्थित करना चाहती है, तो दूसरी ओर नागरिकों की जीविका पर संकट खड़ा हो गया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन राहत और पुनर्वास की दिशा में क्या कदम उठाता है।

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